One Nation One Ration Card भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश में लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार राशन कार्ड पर मिलने वाले अनाज और जरूरी सामान पर निर्भर रहते हैं। लेकिन पहले लोगों को यह सुविधा सिर्फ अपने राज्य या जिले तक ही मिलती थी। अगर कोई व्यक्ति काम की तलाश में दूसरे राज्य चला जाता था तो वहां उसे राशन नहीं मिल पाता था। इसी समस्या का हल निकालने के लिए सरकार ने “वन नेशन वन राशन कार्ड (ONORC)” योजना शुरू की।
यह योजना पूरे देश के गरीब और जरूरतमंद लोगों को एक ही राशन कार्ड से कहीं भी राशन लेने की सुविधा देती है। आइए जानते हैं कि यह योजना कैसे बनी और आम लोगों को इसके क्या-क्या फायदे मिलते हैं।
One Nation One Ration Card कैसे बनी?
One Nation One Ration Card भारत में पहले हर राज्य का अपना-अपना राशन कार्ड सिस्टम था। लोग सिर्फ अपने राज्य की दुकान से ही राशन ले सकते थे। इससे बड़ी दिक्कत उन लोगों को होती थी जो रोज़गार या मजदूरी के लिए दूसरे राज्यों में चले जाते थे।
सरकार ने सोचा कि क्यों न पूरे देश में एक ही कार्ड से राशन लेने की व्यवस्था हो। इसी सोच से साल 2019 में वन नेशन वन राशन कार्ड योजना की शुरुआत की गई। धीरे-धीरे इसे पूरे देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया गया।
अब पूरे भारत के 80 करोड़ से ज्यादा लोग इस योजना के दायरे में आ चुके हैं। इसका मकसद यह है कि कोई भी गरीब भूखा न रहे और जहां भी वह जाए उसे सस्ता राशन आसानी से मिल सके।
One Nation One Ration Card यह योजना कैसे काम करती है?
- आधार लिंकिंग – राशन कार्ड को आधार नंबर से जोड़ा गया है।
- ऑनलाइन सिस्टम – सभी राशन दुकानों पर इलेक्ट्रॉनिक मशीन (EPOS) लगाई गई है, जहां अंगूठा या आधार से पहचान की जाती है।
- डेटाबेस – देशभर के लाभार्थियों का डेटा एक साथ जोड़ दिया गया है।
- पोर्टेबिलिटी – इसका मतलब है कि अब कोई भी व्यक्ति अपने राशन कार्ड से किसी भी राज्य की दुकान से राशन ले सकता है।
आम लोगों को क्या फायदे मिलते हैं?
1. कहीं भी राशन लेने की सुविधा
अगर कोई मजदूर बिहार से दिल्ली काम करने जाता है, तो उसे दिल्ली में भी वही राशन मिलेगा जो बिहार में मिलता है। यानी अब जगह बदलने पर राशन का अधिकार खत्म नहीं होता।
2. गरीबों को राहत
गरीब परिवारों को सस्ता राशन जैसे चावल, गेहूं और दालें मिलती हैं। यह योजना सुनिश्चित करती है कि उन्हें यह सुविधा पूरे देश में मिले।
3. भूखमरी रोकने में मदद
भारत में कई लोग रोज़ कमाने-खाने वाले हैं। पहले वे अपने राज्य से बाहर जाकर राशन नहीं ले पाते थे और कई बार भूखे रह जाते थे। अब उन्हें जहां भी काम मिले, वहां से राशन मिल सकता है।
4. पारदर्शिता
EPOS मशीन और आधार लिंकिंग से फर्जी राशन कार्ड कम हुए हैं। अब सही लोगों तक ही सरकार की मदद पहुंच रही है।
5. मजदूरों के लिए बड़ी सुविधा
निर्माण मजदूर, कारखाने के कामगार और दूसरे राज्यों में काम करने वाले लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। अब उन्हें अपनी रोज़ी-रोटी के साथ-साथ सस्ता राशन भी मिल जाता है।
6. परिवार को बांटकर राशन लेने की सुविधा
अगर परिवार का कोई हिस्सा गाँव में है और कोई सदस्य शहर में काम करता है, तो दोनों अपनी-अपनी जगह पर राशन ले सकते हैं।
किन-किन राज्यों में लागू है?
आज यह योजना पूरे भारत में लागू हो चुकी है। चाहे वह उत्तर प्रदेश हो, बिहार, दिल्ली, महाराष्ट्र, तमिलनाडु या फिर असम – हर जगह लोग एक ही राशन कार्ड से राशन ले सकते हैं।
चुनौतियाँ भी हैं
हालांकि यह योजना बहुत उपयोगी है, फिर भी कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं:
- कभी-कभी मशीनें नेटवर्क की दिक्कत से काम नहीं करतीं।
- कुछ जगह लोगों के अंगूठे का मिलान सही नहीं होता।
- लोगों को तकनीक के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती।
सरकार इन समस्याओं को दूर करने पर लगातार काम कर रही है।
नतीजा
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ने गरीब और जरूरतमंद लोगों को बहुत राहत दी है। अब उन्हें राज्य बदलने पर भूखे रहने की चिंता नहीं है। मजदूर, किसान और छोटे कामगार वर्ग को इसका सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है। यह योजना वास्तव में “सबका साथ, सबका विकास” की सोच को आगे बढ़ाती है। आने वाले समय में तकनीक और भी मजबूत होगी तो यह योजना और सफल साबित होगी।